मेरे वॉरियर्स, व्यूअर्स और मित्रो।
पूर्ण जगत, कोरोनावायरस से त्राहि माम त्राहि माम कर रहा है और बड़ी संख्या मै लोगो ने अपने प्राणों कि आहुति दी जिनके लिए हम सभी ने जोश बर्धन के लिए ताली और थाली बजाई थी। क्या हमारा सोच केवल उनके जोश बर्धन के लिए ही थी। क्या हुआ जो लोग राष्ट्र हित मै मानव की सेवा करते करते अपने प्राणों कि बली दी।
उनके लिए तब तो हमने किसी ने नहीं सोचा कि उनका अंत्येष्टि भी एक योद्धा की तरह ही होनी चाहिए थी।
क्या हमने उनके परिजन को कोई सहानुभूति दिखाई यदि नहीं तो क्यों नहीं?? आज यह सवाल उनके परिजन के मन में उठता है।
इसके अलावा ऐसे हजारों गरीब, यात्री, मजदूर पुलिस के बर्बरता के शिकार हुए जिन्होंने अपनी दम बीच रास्ते मै ही तोड़ दी। क्या हमने वहां मानवता का कभी परिचय देकर अपनी आवाज़ को दवंग किया नहीं।
और तो और सैकड़ों लोग भूक़ और प्यास से तड़फ कर जान गवाई। आखिर हमें क्या हो गया है। जब जब पीएम मोदी जो आह्वाहन करेंगे तभी हम एक्शन मै आयेंगे ??
आखिर हम अपनी मानवता केसे खोते जा रहे हैं??
मै अंतहा ऐसी उलझन मै फस कर रह गया की आज लोग ज्याद्या विस्वास दिखावे मै करने लगे है। किसी को भी 2 रोटी देंगे तो हमारा प्रचलन हो गया है उस गरीब की रोटी देते मै उसकी गरीबी का मजाक बनाकर अपने प्रस्सत्ती मार्ग का रास्ता खोलना फिर चाहे वो राजनीति हो या सामाजिकता।
धीरे धीरे मानव की मानवता फिसलती ही जा रही है समय के साथ।
हम ज्यादा अंध विश्वास, अपने स्वयं के लिए जीने लगे है लानत है इसी जिंदगी पर
इसी क्रम वश सोचा क्यों ना ऐसे लोगो को एक भाव भीनी श्रृद्धाजंलि का आयोजन किया जाय जिसमें दिवगंत आत्मा की शांति की प्रार्थना ओम शांति ही, ओम शांति ही, ओम शांति ही कर उन सभी लोगों के लिए प्रभु से दुआए की जाए और साथ ही एक मिनट का मौन धारण कर प्रभु से विनती करे कि:-
है प्रभु –
* उन सभी परिजनों को जिन्होंने अपने खोए है इस सदमे से बाहर आकर, नया जीवन यापन करने का आशीर्वाद दे।
* जो लोग भूख मरी के कारण, जीवन यापन करने मै संगर्ष रहित है उन पर रहम कर।
* इस वैश्विक बीमारी से जल्द से जल्द निजात दे।
साथियों इस नोबल और मानवता के कार्य के लिए हमने किसी से भी एक पैसा की डिमांड नहीं की है। केवल अरदास की है कि आप इस मुहिम का हिस्सा बनी केवल एक कैंडल जलाकर एक मिनट की प्रार्थना करे। मुझे पूर्ण विस्वास है कि प्रभु हमारी अरदास को कबूल करेगा।
आपको जानकर बड़ा हर्ष होगा कि आज इस मुहिम मै 12 देश एवम् 48 शहर इस बड़े मानवता के मेले में भाग लेकर पुण्य के भागीदार बन रहे है।
क्यों ना आप भी इस पुण्य कर्म मै हमारा हाथ बटाएं?
आपका सेवादार
जी के श्रीवास्तव
9875549332/9426523529
gk shrivastava@gmail.com